हम हमेशा से सुनते आ रहे है कि मनुष्य की मृत्यु के बाद उसका सबकुछ समाप्त हो जाता है | उसके शरीर को चिता को समर्पित करने के बाद उसकी सभी चीजे, इच्छाएं, कार्य आदि स्वाहा हो जाते है | एक कहावत भी सुनने को मिलती है कि मरने के बाद आदमी का सबकुछ यही रह जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है पुराणों, शास्त्रों व धर्मग्रंथो में बताया गया है कि शरीर का अंतिम संस्कार करने के बाद 5 ऐसी चीजे होती है | जो आत्मा के साथ पंचतत्व में लीन हो जाती है, और फिर समय आने पर ये चीजे आत्मा के साथ नए शरीर में प्रवेश करती है |
कामना
कामना ही मनुष्य या किसी भी जीव को नया शरीर प्रदान करती है | मृत्यु के समय मनुष्य जिन चीजों की कामना करता है, उन्ही चीजों की पूर्ति करने के लिए आत्मा फिर से मनुष्य शरीर में लौटती है | इसीलिए कहा जाता है कि मनुष्य को मृत्यु के समय सभी इच्छाओं का त्याग कर देना चाहिए और ब्रह्म का ध्यान करना चाहिए | कामना लिए जाने पर उसकी पूर्ति के लिए मनुष्य रूप में लौटना पड़ता है |
वासना
वासना ऐसी चीज है जिसकी मृत्यु की कगार पर पड़े व्यक्ति को भी कामना होती है | शास्त्रों में सांसारिक सुख की चाहत को वासना माना गया है | अपने परिजनों के मोह और अधूरी चाहत को पूरी करने की इच्छा में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है | विष्णु पुराण में राजा भरत की कहानी बताई गयी है, जिनका मोह पालतू हिरण के बच्चे थे और उन्ही के बारे में सोचते हुए उनकी मृत्यु हुयी तो अगले जन्म में उन्हें हिरण के रूप में जन्म लेना पड़ा था | इसीलिए मृत्यु के समय वासना व कामना त्याग देनी चाहिए |
कर्म
गीता में बताया गया है कि मनुष्य एक पल भी बिना कर्म किये नहीं रह सकता है | उसके कर्म ही परलोक में उसके अगले जन्म में सुख दुःख निर्धारित करते है | कर्म की गति 7 जन्मो तक पीछा नहीं छोड़ती है | महाभारत में मृत्युशय्या पड़े भीष्म ने श्रीकृष्ण से अपनी ऐसी मृत्यु की वजह पूछी थी, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें 7 जन्म पुरानी घटना स्मरण कराई थी, जिसमे उन्होंने एक अधमरे सांप को नागफनी के काँटों पर फेंक दिया था |
कर्ज
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु से पहले कर्ज चूका देने चाहिए | क्योंकि कर्ज लेकर मरने पर कर्जदाता जब परलोक में कर्ज का धन मांगता है तो यमदूत उसे कर्ज लेने वाले के शरीर का मांस काटकर देते है | इससे भी जब पूर्ति नहीं होती तो अगले जन्म में कर्ज किसी ना किसी रूप में चुकाना ही पड़ता है |
पुण्य
पुराणों में बताया गया है कि पुण्य जन्म जन्मांतर तक साथ रहता है | पुण्य बैंक में रखे धन के समान है, जो समय आने पर काम आता रहता है | बताया जाता है कि किसी भी प्रकार की मदद का प्राप्त होना पुण्य का ही फल होता है | इसीलिए हमेशा अच्छे कर्म करते रहने चाहिए |